Compartir
Bihar Ke Aitihasik Gurudware (en Hindi)
Subodh Kumar Nandan
(Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt Ltd
· Tapa Dura
Bihar Ke Aitihasik Gurudware (en Hindi) - Nandan, Subodh Kumar
$ 26.94
$ 31.99
Ahorras: $ 5.05
Elige la lista en la que quieres agregar tu producto o crea una nueva lista
✓ Producto agregado correctamente a la lista de deseos.
Ir a Mis ListasSe enviará desde nuestra bodega entre el
Lunes 01 de Julio y el
Martes 02 de Julio.
Lo recibirás en cualquier lugar de Estados Unidos entre 1 y 3 días hábiles luego del envío.
Reseña del libro "Bihar Ke Aitihasik Gurudware (en Hindi)"
बिहार प्राचीनकाल से ही संतों की कर्मभूमि रहा है। यही कारण है कि हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी (1506 ई.) तथा गुरु तेग बहादुरजी (1666 ई.) बिहार आए। जहाँ-जहाँ गुरुजी ने प्रवास किया, वहाँ बाद के वर्षों में अनुयायियों ने उनकी स्मृति में गुरुद्वारे या संगत का निर्माण कराया, जो सिखों के लिए आस्था के केंद्र बने, वहीं पटना में पौष सुदी सप्तमी संवत् 1723 तदनुसार 26 दिसंबर, 1666 ई. को गुरु गोबिंद सिंह का आविर्भाव हुआ। लेखक को यह पुस्तक लिखने के दौरान जानकारी मिली कि केवल पटना में ही ऐतिहासिक गुरुद्वारे नहीं हैं, बल्कि सासाराम, औरंगाबाद, गया, नवादा, मुँगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, वैशाली तथा राजगीर में भी अत्यंत प्राचीन व ऐतिहासिक गुरुद्वारे और संगतें हैं। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य बिहार के ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जानकारी समाज को देना है, ताकि अपनी समृद्ध परंपरा और मान्यताओं को हम जान सकें; उनके संरक्षण-संवर्धन के लिए जाग्रत् हो। बिहार राज्य में सिक्ख गुरुद्वारों एवं संगतों का प्रामाणिक तथा जानकारीपरक वर्णन इस पुस्तक में है। श्रद्धा-आस्था और विश्वास के केंद्र गुरुद्वारों का अत्यंत रोचक और विस्तृत विवरण।
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
Todos los libros de nuestro catálogo son Originales.
El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
✓ Producto agregado correctamente al carro, Ir a Pagar.